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Complete Diet Plan जो हर किसी को अपनाना चाहिए

Complete Diet Plan

 कंप्लीट डाइट प्लान

एक संतुलित डाइट प्लान जो हर किसी को अपनाना चाहिए

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की चाहत हर किसी की होती है, लेकिन सही मार्गदर्शन के अभाव में लोग अक्सर गलत दिशा में चले जाते हैं। यह डाइट प्लान मेरे व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है। जो सामान्य और कस्टमाइज्ड दोनों जरूरतों को पूरा करता है। यह डाइट प्लान स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता है, बल्कि बीमारियों से बचाव में भी मदद करता है।

डाइट प्लान के प्रकार

डाइट प्लान मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

1.       जनरल डाइट: यह उन लोगों के लिए है जो स्वस्थ हैं या जिन्हें शुरुआती स्वास्थ्य समस्याएं हैं। यह जीवनशैली कारकों जैसे नींद, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक गतिविधि, और पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।

2.      कस्टमाइज्ड डाइट: यह उन लोगों के लिए है जिन्हें विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याएं जैसे किडनी रोग, मधुमेह, हृदय रोग, या त्वचा की समस्याएं हैं।

कंप्लीट डाइट प्लान

कंप्लीट डाइट प्लान एक संतुलित डाइट प्लान है, जो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट) और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (विटामिन, मिनरल्स) के संतुलन पर आधारित है। यह डाइट स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचाव के लिए डिज़ाइन की गई है। नीचे दिन के भोजन का विवरण दिया गया है:

1. नाश्ता (Breakfast) सुबह 8 - 9 बजे तक

  • शुरुआत फलों से करें:
    • 300-400 ग्राम सीजनल और रीजनल 2-3 तरह के फल सुबह जरूर खाएं, इसके बाद अगर जरूरत महसूस हो तो अन्य नास्ता ले सकते हैं। फलों में कीवी, संतरा, मौसमी, या अनानास जैसे सिट्रस फल में से कोई एक फल जरूर शामिल करें।
    • फल विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत हैं। इनमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ओवरईटिंग रोकता है।
    • फ्रूट जूस से बचें, क्योंकि इसमें फाइबर नहीं होता और फ्रुक्टोज शरीर में शुगर बढ़ा सकता है, जिससे फैटी लिवर का खतरा हो सकता है।
  • सोक्ड ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट, या किशमिश और अंजीर को रातभर भिगोकर खाएं।
  • नाश्ते के अन्य विकल्प:
    • मूंग दाल, बेसन, मिलेट्स या ओट्स का चीला।
    • पोहा, उपमा, स्टीम मिक्स स्प्राउट, या मिलेट्स का दलिया।
    • इनमें विभिन्न सब्जियां, टोफू, बादाम, या बेरीज डालें।
    • पैक्ड फूड या ब्रेड से बचें।

2. दोपहर का भोजन (Lunch) दोपहर 12 - 01 बजे तक

  • सलाद:
    • 200-250 ग्राम सलाद- टमाटर, मूली, गाजर, चुकंदर, प्याज, खीरा, ककड़ी, पालक के पत्ते, मूली के पत्ते, धनिया के पत्ते, पुदीना के पत्तों में से सीजन के अनुसार जो उपलब्ध हों, उन्हे सलाद में शामिल करें।
    • यदि सलाद खाने से गैस या ब्लोट होती है, तो सलाद की मात्रा कम करें।
  • पका हुआ भोजन:
    • दाल (मूंग, अरहर, मसूर, राजमा, चना, कुलथी), बीन्स, और सब्जियां।
    • अनाज: ज्वार, बाजरा, चावल, गेहूं, या मिलेट्स।
    • घर का बना नीबू या आंवला का  अचार, सिरका और चटनी खाने में शामिल करें, जो विटामिन C और स्वाद बढ़ाते हैं।
  • ध्यान दें: हर दिन अलग-अलग दाल, सब्जी, और अनाज लें ताकि सभी पोषक तत्व मिलें। सीजनल और रीजनल सब्जियां जैसे गर्मियों में लौकी, टिंडा, तोरी और सर्दियों में साग, मटर, गाजर, मूली का उपयोग करें।

3. शाम का नाश्ता (Evening Snacks)

  • तेज भूख लगने पर (4-5 बजे):
    • ग्रीन टी, रोस्टेड चना, मखाना, मूंगफली, ड्राई फ्रूट्स, नारियल या सीड्स के लड्डू।
    • मात्रा: एक मुट्ठी या आधा मुट्ठी, ताकि भूख शांत हो।

4. रात का भोजन (Dinner) रात 7 – 8 बजे तक

  • महत्वपूर्ण: रात का खाना हल्का और पौष्टिक होना चाहिए, क्योंकि रात में पाचन धीमा होता है।
  • क्या खाएं?:
    • घर का बना वेजिटेबल सूप, मिलेट्स की खिचड़ी, दाल-चावल की खिचड़ी, या दलिया।(यदि पेट न भरे, तो रोटी शामिल कर सकते हैं। )
    • सलाद और कच्ची सब्जियों से बचें, क्योंकि ये रात में पचने में मुश्किल होती हैं।
  • टिप:
    • रात 8 बजे से पहले खाना खाएं। यदि देर हो, तो खाने से 30 मिनट पहले 1 इंच अदरक पर काला/सेंधा नमक छिड़ककर चबाएं और गुनगुना पानी पिएं। यह पाचन को सक्रिय करता है।

5. पेय पदार्थ (Drinks)

  • अनुशंसित: ग्रीन टी, ब्लैक टी (बिना दूध और चीनी), लेमन टी, नारियल पानी, सत्तू का पेय।
  • बचें: कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस, और दूध वाली चाय।

6. तेल (Oils)

  • जीरो ऑयल कुकिंग से बचें: फैट शरीर के लिए जरूरी है। यह जोड़ों के दर्द, थायराइड, और त्वचा की सूखापन जैसी समस्याओं को रोकता है।
  • क्यों जरूरी?:
    • तेल खाने का स्वाद बढ़ाता है।
    • विटामिन A, D, E, K जैसे फैट-सॉल्यूबल विटामिन्स के अवशोषण में मदद करता है।
    • सब्जियों की बायोअवेलेबिलिटी बढ़ाता है।
  • अनुशंसित तेल: कोल्ड-प्रेस्ड तेल या सादा तेल जैसे तिल, सरसों, मूंगफली, या नारियल का तेल।
  • मात्रा: प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 2-3 टीस्पून।

7. दूध (Milk)

  • पशु दूध से बचें: इसमें ग्रोथ हार्मोन, एंटीबायोटिक्स आदि के कारण ऑटोइम्यून रोग और मधुमेह टाइप-1 का खतरा हो सकता है।
  • विकल्प: नारियल मिल्क, बादाम मिल्क ओट मिल्क या सोया मिल्क।

8. अनाज, दाल, और बीन्स

  • अनाज: गेहूं, ज्वार, बाजरा, मिलेट्स, ओट्स, किनवा, ब्राउन/रेड चावल (छिलके वाले)।
  • दाल और बीन्स: मूंग, चना, राजमा, छोले, लोबिया, स्प्राउटेड मूंग/चना या क्षेत्रीय डालें।
  • प्रोटीन स्रोत: टोफू, टेम्पे (फर्मेंटेड सोयाबीन)।

सामान्य टिप्स

1.       पानी: प्रतिदिन 2-2.5 लीटर पानी पिएं।

2.      वैरायटी: विभिन्न सब्जियां, फल, अनाज, और दालें शामिल करें ताकि सभी पोषक तत्व मिलें।

3.      प्रोसेस्ड फूड से बचें: पैक्ड फूड, जंक फूड, और बाहर का खाना सीमित करें।

4.     पोरशन कंट्रोल: अधिक खाने से बचें, ताकि अनावश्यक कैलोरी न बढ़े।

5.     विटामिन डी: सुबह या शाम प्रकृति में टहलें और सुबह आधा घंटे की धूप जरूर लें, इससे विटामिन डी की पूर्ति होगी।

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