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• युग चेतना पुरुष

shri Shakti Putra Ji Maharaj, kundalini Jagran, swami sachidanand Ji Maharaj
shri Shakti Putra Ji Maharaj, kundalini Jagran, swami sachidanand Ji Maharaj

धर्मसम्राट् परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज

एक युग कई लाख वर्ष का होता है। उदाहरणार्थ, हमारे शास्त्रों के अनुसार कलियुग की आयु 4 लाख 32 हजार वर्ष है। इसमें 432 सहस्राब्दियां होंगी। इस प्रकार, इसमें 432 सहस्राब्दी पुरुष भी हो सकते हैं। किन्तु, युग चेतना पुरुष तो एक युग में केवल एक ही होता है, जिसमें युग परिवर्तन करने की सामर्थ्य होती है।

युग चेतना पुरुष धर्मसम्राट् परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज इस युग के ठीक वैसे ही अवतारी पुरुष हैं, जैसे त्रेता में भगवान् श्री राम और द्वापर में भगवान् श्री कृष्ण हो चुके हैं। आज परिस्थितियां भी न्यूनाधिक वैसी हैं, जैसी राम और कृष्ण के समय क्रमशः त्रेता और द्वापर में थीं। परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान् योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज का अवतरण आज विश्व में चारों ओर व्याप्त अनीति-अन्याय-अधर्म को समाप्त करके सत्यधर्म की स्थापना करने के लिए हुआ है। आप परम सिद्धाश्रम धाम के संस्थापक-संचालक ब्रह्मर्षि योगेश्वर स्वामी सच्चिदानन्द जी महाराज के अवतार हैं।

महाराजश्री ने इस धरा से अनीति-अन्याय-अधर्म को समूल नष्ट करने के लिए लम्बी अवधि तक चलने वाले एक धर्मयुद्ध का महाशंखनाद किया है। आप वर्तमान समाज में पूर्ण नशामुक्त, मांसाहारमुक्त एवं चरित्रवान् ऐसे धर्मयोद्धाओं को तैयार कर रहे हैं, जो इस धर्मयुद्ध को बिना किसी अस्त्र-शस्त्र के जीतकर दिखाएंगे। आपके लिए भौतिक जगत् का कोई भी कार्य असम्भव नहीं। इस बात के ठोस प्रमाण आप समाज के बीच पहले ही दे चुके हैं।
परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान् योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज अपने शिष्यों को रात-दिन यही शिक्षा देते हैं कि वे अपना पूरा जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित कर दें। गुरुवरश्री जो शिक्षा औरों को देते हैं, पहले उसे अपने जीवन से ढालते हैं। आपका रोम-रोम समाजकल्याण और विश्वकल्याण के लिए समर्पित है, यहां तक कि अपने पूरे परिवार को भी आपने इसी कार्य के लिए समर्पित कर दिया है।

धर्मसम्राट् युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज हमारी सनातन भारतीय ऋषिपरम्परा की एक कड़ी हैं। आपकी विचारधारा वर्तमान समस्त धर्मगुरुओं के सर्वथा विपरीत है। आपके शिविरों का आयोजन कभी भी धनार्जन के लिए नहीं होता, बल्कि हर शिविर में आपके द्वारा लाखों रुपये व्यय किये जाते हैं, क्योंकि इस दौरान शिविरार्थियों की लाखों की भीड़ के लिए ही नहीं, अपितु यहां पर सदैव भोजन और आवास की व्यवस्था सदैव निःशुल्क रहती है। इस प्रकार, अन्य धर्मगुरुओं के विपरीत आपश्री समाज में अपने आपको लुटा रहे हैं।

आपके द्वारा आयोजित शक्ति चेतना जनजागरण शिविरों में आप अन्य धर्मगुरुओं की भांति कोई भागवत या रामकथा आदि नहीं कहते। उनके स्थान पर लोगों को आप पीड़ित, असहाय और बिलखती मानवता की व्यथा सुनाते हैं। आप कथावाचक नहीं, एक व्यथावाचक हैं। शिविर के माध्यम से आप जनमानस में शक्ति चेतना का संचार करते हैं तथा लोगों को उनके ऊपर हो रहे अन्याय और शोषण के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हैं। विश्व के धार्मिक इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक ऋषि ने धरती पर से अनीति-अन्याय-अधर्म को समूल नष्ट करके युग परिवर्तन का संकल्प ठाना है। आपका यह दृढ़संकल्प निश्चित रूप से पूरा होगा। इसे दुनिया की कोई शक्ति रोक नहीं पाएगी, क्योंकि यह माता भगवती के द्वारा निर्देशित है।

सुख-सुविधाओं से दूर और एक सामान्य सा जीवन जीने वाले इस युग के युग चेतना पुरुष धर्मसम्राट् परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज एकान्त साधना में सतत लीन रहकर मानवकल्याण के लिए अपने शरीर को तपा रहे हैं।

अनीति-अन्याय-अधर्म को मिटाने तथा युग परिवर्तन करने के लिए आपने पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम, भगवती मानव कल्याण संगठन और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी-- ये तीन धाराएं समाज को प्रदान की हैं। इस त्रिवेणी में मानवजीवन का पूर्णत्व समाहित है।

हम सबको चाहिए कि परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान् के द्वारा प्रदान की गई इस त्रिधारा के प्रतिपूर्ण रूप से समर्पित हों तथा युग परिवर्तन की उनकी यात्रा को लक्ष्य तक पहुंचाने में सहभागी बनकर अपने जीवन को कृतकृत्य करें। यह दुर्लभ अवसर फिर कभी नहीं मिलेगा।

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