जिनके सातों चक्र अर्थात् पूर्ण कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत हैं, जिनका अवतरण ही इस कलयुग की भयावहता के बीच सतयुग की स्थापना हेतु हुआ है, जिन पर माता भगवती जगत् जननी जगदम्बा जी की इतनी कृपा है कि वे प्रत्यक्ष रूप से प्रतिदिन दर्शन देती हैं। ऐसे सद्गुरुदेव युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के पावन चरण कमलों में मेरा कोटि-कोटि साष्टांग प्रणाम।
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